An apology to the Mahatma or Anna whoever it may concern - A common man gives up !!
By Numan Mishra for बिहारी का चौपाल !!
Thursday 10 November 2011
Dear Anna,
THANKYOU & SORRY !! Yes Thank-you for inspiring this common yet highly corrupt lay man. Yes, ironically I am the man you are fighting for, yet I am the man you are fighting with. I am that common man who is depressed, broken, poor, suffering, tortured, torn, misjudged, mislead and who now is fed up with fighting against all this self-inflicted apocalypse. I am the same man whom u cant see in pain, and your heart melts, your eyes get wet, and you think u need raise his voice. Yes Anna it’s me the Victim and yet the main cause of corruption. I am the one who has to lose something every time through Bomb Blasts, Ghotalas, Global Depression, Inflation Scams, Fixes, Earthquake, Tsunami, polio, AIDS and this curse to humanity Corruption yet I am thy who has inflicted all this upon thy.
However, this is not completely my fault, Since I am but a Pre-Programmed molecule of this universe, which is destined to corrupt when exposed to Power and Luxury. Yes Sir I am one with all the corrupt souls like Kalmadis, Rajas & many more. Because these are not people with Super humane capabilities neither they are the children of Satan. They are but a common man exposed to power. A power that is uncontrolled, a power that is unaccountable, a power that is the cocktail of all powers, a recipe for disaster indeed.
First, it was the Politicians then the Policemen now everyone is proving to be corrupt in some or the other way. My motive here is not to get to a conclusion that even you and your applauded Team Anna is corrupt, but to point out my inability to pretend fighting this war with myself. Because I am the same fish that is polluting the pond yet multifaceted enough to fight for a cleaner pond. A cliché it may be but it proves that I am a part of this Zig-Saw of mutual corrupt existence. In addition, I am honest enough to admit it in public knowing whatever the consequences are. I am an honest man and i know my limitations.
Besides it will all make sense only when I forge myself strong enough to control myself from corrupting when exposed to power of mammoth capacity is. Which seems highly unlikely according to my assessments. The only reason here maybe Because I have a very short term memory. First it was an Adrenaline Driven Highly Dramatized Homegrown Cricket World Cup Victory, Then it was your Highly Energizing & even more Dramatized Crusade against Corruption, After which followed the Delhi Blast and we were awake again but ironically nothing happened there either, After that it was some Condemnable obsolete case of some Stupid Narcissus English media calling our Cricketers #Dogs & #Donkeys and now it’s about #Agnivesh in BiggBoss. This again is not my fault, because it is not for me to decide what to think or want. As I am but a Bot Hypnotized by this Insensitive Irresponsible Paid-Media. I don't have a mind of my own neither do I have any views on anything anymore . I am alone and vulnerable in my personal crusades cause there ain't no Anna to fight for me in there.
First, I was very confident with your Movement combined with #IAC to fight against corruption. And I even had started to think that it would succeed but later i concluded that it was not an overnight victory we were searching for, but a constantly unending self-revaluation combined with intense discipline. Anyways I had my flags high with you and your highly qualified team of stupendous intellects like Kejriwal, Hegde, Bedi ji, #Agnivesh and The Bhushan's. However, i am going to be honest here, with all the controversies regarding you and your team I was left a little confused and demotivated. As I now had started thinking, am I doing the same mistake I did electing a Parliament full of MPS and MlAS who are useless and corrupt? The answer I am afraid was yes, after the #Agnivesh misadventure it had to. For a very strong willed and socially active man he is if he could corrupt so can I and you and everyone else? Then Mr. Hegde had his way out of your team now even Kumar Vishwas seems a little confused. Even Your personal blogger who was supposed to write what you say had his bit of misadventure. If all of these gentlemen can have their difference of opinion and thus can be termed morally corrupt, so can I. Given the small common man with many unfinished endeavors, it is highly likely I will be the most corrupt person ever.
Frankly, people reading this might not publicly endorse this but it is a fact that 95% supporters of your movement share the same view I possess. But they are either cowards or they like to pretend its night by shutting their eyes close. Also I am not afraid to tell this all innate sins in me in public, because i have a high threshold for self-evaluation. To me this so called corruption is highly nano and unmeaningfull than the one i am personally experiencing everyday by not parting myself from this movement. Please don’t think of me as a fallen soldier but as a phoenix who burnt away so that it could regain its glory. I will be back with this movement uninvited the day i find the uncorrupted man in me.
Thank-you and Sorry Again !!
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News With different Views
Baikunth Bihari Baithe Ji (BQ), बिहारी का चौपाल !!
Patna, November 7, 2011
परनाम मिश्रा बाबा !! और जय हो अन्ना की !! मिश्रा बाबा इ का नया फ़ॉर्मूला लगा रहे है जी मरदे, केतना बड़ाई कैले फिरते थें की जेतना Corruption है सब मिटा उटा देवेंगे ! अबकी अन्नावा कुछ करेगा जरूर. बस हो गया ! सब भुला गैला का जी मरदे कलमाड़ी लेखा ! अरे उहे kalmadiya जे माल चांप के भूला गईस है ससुरा, अब कह रहा हैं की पते नहीं केन्ने रखा गया ! बाह बेट्टा जब माल छापना था खुबे मार बड़का बड़का नोटवा चाप लिए, अब कहते हो की हमको कल्मादिमेंटिया हो गया है ! के कहि तुहूँ अग्निवेश लेखा राखी सव्वंत के फोल्लोवेर हो गइला बाबा?? अरे महाराज कहीं आप भी कुछू चांप के तो नहीं बैठ गए न?? हमको बता दीजियेगा जेल उल जाएयेगा तो मलवा सब छुपा देवेंगे, कमीशन काटके!! ओएसे मरदे जो है से की आपके बात मे दम तो है ! अरे केतना बढ़िया स्टार्ट हुआ था इ अन्ना के आन्दोलन के ! इ साला नेतवा सब पूरा टीम अन्ना के कैरेक्टर ढीला कर दिहिस सब मिल के ! अन्ना हमरे बेचारे बहुत बढ़िया आदमी हैं केज्रिवाल्वो ठीक है बाकी सब ता हम को खुर्फाती लगता है सब ! जे भी हो गलती ता हमहि लोग में न है, पहिले गलत नेता चुन देते हैं फिर गलत सलत काम भी करते हैं और गलत के खिलाफ लड़े लागी लाठी पिजा के चल आते हैं ! अरे मुंगेरी बेटा गलती तो तोहरे में नु है ! अपने गलत काम करोगे दू सेकंड लाइन में नहीं लग सकते टपक से घुश दे देते हो. अरे उ सुने नहीं हो "मन से रावण जो निकाले राम तेरे मन में हैं !`! पापी सब कहींका ,,,
ओइसे झूठ ता हमसे भी नहीं बोला जात है भाई! ऊपर से मरदे मिश्रा बाबा लिख दियें हैं अपना सचाई! अब हम ना लिखेंगे ता पब्लिकवा मारबे न करेगा ! अपने ता मरदे सफ़ेद कोलार ओला हैं! उ का कहलाता है intellectual आदमी! लेकिन हमारे जैसा fortwenty आदमी के बारे में सोंचबे नहीं कियें, हमारे दामन में इनको छेद नज़र नहीं आया, हाय !! सब इज्ज़त कचरा करना पड़ेगा अब ! ओइसे हम को लगता है की मिश्रा बाबा आज पी पा लियें हैं , एही से अपने साथै हमको भी लपेट दियें ! खैर सुनो हमरो कहानी एक बार ट्रेन से जा रहे थे जमशेदपुर बहाली मैं दौड़े लगी ! अब्बे पल्टुवा इतना चौंक काहे रहा है बे ! साला बेरोजगार हैं तो काम नहीं ढूंढ सकते हैं का ? खैर ट्रेन में मार लैका सब चढ़ गया जहाँ तहां से, हमहूँ लटक लियें ! टिकेट लेवे के मौका न मिलिस तो सोंचे की टीटी साहेब से बोल के एगो टिकट बनवा लेवेंगे, अपना मजबूरी सुनाके! आया थोडा देर बाद टीटी, और उनके साथ तिरछी टोपी वाला गोरखा सिपाही सब ! सब लएका सब के हरकावे लगा ! हम पहिले तो डर गयें फिर सोचें की "आरा जिला घर बा कौन बात के डर बा" जो हेगा देखल जाएगा ! तब तक ले टीटीया मांग दिहिस टिकट ! टिकट तो नहीं है, हुम् बोले ! लेट हो रहा था लटक लियें टिकट बना दीजिये साहेब ! साला बोला की इ सब नहीं होता है चलो जेल, हम बोले हजूर अभी करियर सुरु हुआ नहीं, आप बिगाड़े के बात काहे कर रहे हैं ! सरकार जो फाएन होता है ले लीजिये ! तब साला हमको साइड में ले जाके बोला की देखो फाएन २००० है, और टिकेट २०० के, हम बोलेन की ३००० ता रोपेयवे है हमरा पास एभि तू लेलेबे ता हुवां से भीख मांग के आवेंगे वापस बे ! खैर हम बोले की लो भैया रखो २०००, दो स्लीप काट के ! उ बोला की ५०० रुपया दो और चुप चाप निकल लो काहे फाएन देना चाहते हो ? बहुत पैसा वल्ला है का बाप के भीरी ! हम ता फंस गए भैया उ मायाजाल में ! मन में मार corruption लोटियावे लगा और हमसे पाप हो गया !! अब का करें इंसान हैं, लालच गलती करवाइए देता है न ! यही बात numan भैया भी कहिन हैं ऊपर ! अरे अपने आप को सुधर लेवेंगे हम तो मिलेंगे अन्ना जी से ! और नहीं ता अन्ना आप मत चिंता करिए हम खुद्दे corrrupt हैं ! हमको मरने दीजिये ऐसे हीं कहे की इ सब आपदा हम अपने से अपने ऊपर थोपे हैं ! ऊपर से इ न्यूज़ वाला सब बेरोजगार कहाँ के ! भैंस, बैल, बकरी, सांप २०१२ भूकंप, सूनामी, और कैसे कैसे तेल लेवे गया इन्सान जैसा झोत्था खबर दिखता है सब ! और पता नहीं क्या अनाप सनाप देखावित रहता है एकाध गो ता बस राजुवे श्रीवास्तव के कॉमेडी देखता है ब्रेअकिंग न्यूज़ के टाइम मैं ! अब्बे इ राजू भैया कब से ब्रेअकिंह न्यूज़ हो गए, साला कोई पचास गो में दुगो पत्रकार बढियां है आज और जो अच है उसको सब बोले नहीं देता है ! सब खाली फ़िल्मी न्यूज़ और फ़ालतू के बखेड़ा दिखाता है!
उ लोकपाल वाला मुद्दा पे एगो बड़ा बढियां किस्सा हुआ था अन्ना के जन्लोक्पल में तो खाली सरकारी लोग के तरकारी बनावे के सुझाव है ता नेतवा सब पुचा की अन्ना और उनका NGO भी इसमे सामिल हो जाए तो अच्हा होगा !! इ बात लेके न्यूज़ ओला सब केजरीवाल के घेरा सब ता केजरीवाल भी मज्हल खिलाडी हैं बोले की मीडिया भी इसके दायरे में आवे ता हमहू लोग आ जावेंगे !! इसपर कोई मीडिया ओला चू तक नहीं बोला, अरे अपना पेट पे लात केकरा बर्दाश होता है ........... हहाहहाहा !
खैर उ मिश्रा बाबा के शेर है ना
की, "तमाम उम्र जिसे ढूंढता फिरा मे तो वो, सक्स मुझमे ही आसना निकला" बहुत फीट बैठता है हियाँ !! अरे कबूतर लोग पहिले अपने आप को ठीक करो बाद में देश और समाज बदले लागी लंगोटा कसिहो !! आ नहीं तो दूसरा के पजामा में नाडा बंधे के चक्कर में अपने धोती खुल जावेग़ा !! रामखेलवना नियन हहहहहहहहहहहः................